मुगलों का विघटन एवं क्षेत्रीय शासन का उदय – History Notes in Hindi

1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात मुगल साम्राज्य का तोजी से विघटन प्रारंभ हुआ और 1750 तक आते-आते मुगलों की पहचान एक नाम मात्र की शक्ति और सांकेतिक शक्ति के रूप में रह गई। इनकी सत्ता दिष्टि दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में ही सिमट कर रह गई। इसके साथ ही भारत में बड़ी संख्या में क्षेत्रिय राज्यो का उदय हुआ। 

मुगलों का विघटन एवं क्षेत्रीय शासन का उदय

18वी सदी मे मुगल के विघटन के दौरान कई क्षेत्रीय राज्य अस्तित्व मे आये। इनमे कुछ प्रमुख थे –

  • बंगाल एवं अवध में नवाबों का शासन
  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रुहिलखंड एवं कई अन्य छोटे-छोटे राज्य
  • राजस्थान मे कई छोटे बड़े राज्य जिसमे मेवाड़, मारवाड़, आमेर इत्यादि महत्वपूर्ण थे। 
  • पाकिस्तान के सिंध मे भी स्वतंत्र राज्य की स्थापना
  • पाकिस्तान के पंजाब एवं शेष क्षेत्रों मे 18वी सदी मे लंबे समय तक राजनीतिक अस्थिरता रही। 1790 ई मे रंजीत सिंह का शासन स्थापित हुआ। 
  • महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात इत्यादि मे मराठों का शासन
  • हैदराबाद मे निजाम का शासन
  • कर्नाटक एवं तमिलनाडु मे नवाब का शासन
  • मैसूर मे हैदर आली और टीपू सुल्तान का शासन
  • केरल मे भी कई छोटे बड़े राज्यों की स्थापना हुई। 

इन क्षेत्रीय राज्यों को 3 वर्गों मे बाटकर देखा जा सकता है। 

  1. मुगल के उतराधिकारी राज्य – बंगाल, अवध, हैदराबाद इत्यादि।
  2. विद्रोही राज्य – मराठा, जाट, अफ़गान, पंजाब के क्षेत्रीय राज्य इत्यादि। 
  3. स्वायत राज्य – राजपूताना के राज्यों, मौसूर, त्रावणकोर इत्यादि।

मानचित्र - मुगलो का विघटन एवं 18वी सदी मे भारत

मुगलों का विघटन एवं क्षेत्रीय शासन का उदय - मानचित्र
मुगलों का विघटन एवं क्षेत्रीय शासन का उदय - मानचित्र

मुगल के उतराधिकारी राज्य 

बंगाल

  • बंगाल के संस्थापक मुर्शिद कुली खान था।
  • वह बंगाल मे दीवान के पद पर नियुक्त हुआ था।
  • औरंगजेब की मृत्यु का फायदा उठाकर उसने बंगाल के सूबेदार का पद भी ग्रहण कर लिया था। इस प्रकार उसे बंगाल का नवाब कहा गया। 
  • उसका उतराधिकारी उसका दामाद शुजाउद्दीन था। उसने 1727 – 1739 तक गद्दी संभाली।
  • 1739 मे उसका उतराधिकार उसका पुत्र सरफराज खान बना। 
  • 1740 मे अलीवर्दी खान ने सरफराज खान को मारकर गद्दी प्राप्त कर ली और उसने 1756 तक शासन किया। 

अवध

  • 1722 तक सआदत खान नामक मुगल वजीर ने अवध को व्यावहारिक रूप से स्वतंत्र बना दिया। 
  • 1739 मे उसकी मृत्यु के पश्चात उसका उतराधिकारी सफदरजंग हुआ, जिसे मुगल-वजीर का पद मिला उसे नवाब-वजीर कहा गया। 
  • फिर उसका पुत्र शुजाउद-दौला हुआ जिसने बक्सर के युद्ध मे भाग लिया था। 

हैदराबाद

  • हैदराबाद राज्य का संस्थापक निजाम-उल-मुल्क था।
  • वह 1722-1724 ई के बीच मुगल वजीर के पद पर रहा था। 
  • आगे वह 1724 मे हैदराबाद चला गया तथा वहाँ उसने स्वतंत्र राज्य बना लिया। 

मुगल के विद्रोही राज्य

सिख राज्य 

  • गुरुनानक के द्वारा सिख पंथ एक शांतिपूर्ण पंथ के रूप मे स्थापित किया गया।
  • इस पंथ मे 2 कारणों से सामूहिकता की भावना मजबूत हुई – संगत लगाना एवं लंगर छकना (सामूहिक भोज)
  • मुगल साम्राज्य से टकराव के कारण यह पंथ सैनिकीकरण की ओर बढ़ गया। 
  • गुरु गोविंद सिंह ने खालसा की स्थापना कर सिख पंथ को मजबूत सैन्य संगठन मे बदल दिया। 
  • परंतु न तो गुरु गोविंद सिंह और न ही उनके शिष्य बंदा बहादुर सिख राज्य को स्थापित कर सके। 
  • 1761ई. मे पानीपत की तृतीय युद्ध से उत्पन्न खालीपन को भरने के क्रम मे 1764 मे अमृतसर मे एक स्वतंत्र सिख राज्य की स्थापना हुई। 
  • आगे रंजीत सिंह ने सिख राज्य को भारत की प्रमुख शक्ति बना दिया। 

मराठा राज्य

  • मराठे महाराष्ट्र के जमींदार थे। 
  • 1744 ई. मे शिवाजी ने मराठे को संगठित करके मराठा राज्य की स्थापना किये। 
  • उसने पेशवाओ के अधीन एक बड़े साम्राज्य का रूप ले लिया। 
  • परंतु पेशवा बालाजी बाजीराव के काल तक एक मराठा परिसंघ अस्तित्व मे आ चुका था। 
  • इसके केंद्र मे पुना का पेशवा तथा इसके अन्य घटक ग्वालियर के सिंधिया, इंदौर के होल्कर, नागपूर के भौंसले एवं बड़ौदरा के गायकवाड़ थे। 

जाट राज्य

  • जाट सामान्यतः किसान थे। 
  • वे दिल्ली, आगरा, मथुरा आदि एवं उसके आस-पास के क्षेत्र मे फैले हुए थे। 
  • एक गोकुल जाट ने 1667 ई. में मुगल साम्राज्य के विरुद्ध विद्रोह किया। परंतु इस विद्रोह को दबा दिया गया। 
  • फिर 1685 राजाराम जाट ने विद्रोह किया। इस विद्रोह को भी दबा दिया गया। 
  • आगे चूड़ामान जाट एवं बदन सिंह ने जाट राज्य की स्थापना की। 

रुहिलखंड

  • रूहेला राज्य की स्थापना रूहेला अफगानों के द्वारा की गई थी।
  • कुछ महत्वपूर्ण रूहेला सरदार – नजीबुउददौला और हाफिज अहमद खान। 

स्वायत राज्य अर्थात मुगल साम्राज्य की परिधि के बाहर के राज्य

मैसूर

  • यह विजयनगर साम्राज्य का उतराधिकारी राज्य था और ओड्यार वंश का शासन था।
  • एक सैनिक कमांडर हैदर अली ने उसकी सत्ता छिन ली। 
  • हैदर अली तथा उसके उतराधिकारी टीपू सुल्तान के अधीन एक शक्तिशाली राज्य मैसूर राज्य की स्थापना हुई। 

कालीकट 

  • कालीकट मे जमोरिन की सत्ता स्थापित थी। 
  • यह राज्य विदेश व्यापार के लिए प्रसिद्ध था। 

त्रावणकोर

  • मार्तण्ड वर्मा एवं राम वर्मा ने केरल के क्षेत्र मे एक महत्वपूर्ण राज्य त्रावणकोर की स्थापना किया। 
  • मार्तण्ड वर्मा ने डचो को पराजित कर भारत से बाहर खदेड़ दिया था। 

मुगलों का विघटन के दौरान भारत की राजनीतिक दशा

मुगलों के विघटन के दौरान भारत की राजनीतिक दशा इस प्रकार थी –

  • मुगलो का पतन एवं क्षेत्रीय राज्यों का दौर
  • भारतीय राज्यों के बीच साम्राज्य विस्तार को लेकर संघर्ष
  • उत्तराधिकार को लेकर संघर्ष
  • भारतीय राज्यो मे दरबार के स्तर पर गुटबंधी
  • मुगलों के पतन के पश्चात् भारतीय राज्यो मे सार्वाधिक शक्तिशाली राज्य मराठा ने स्थापित किया और उस समय के सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रीय राज्यो के साथ मराठों के तनावपूर्ण संबंध थे।
  • उत्तर-पश्चिम से अममण जैसे- नादिर शाह एवं अहमदशाह अफदाली के आक्रमण, उत्तर एवं उपर-पश्चिम भारत में इन आक्रमणों के कारण राजनितिक अस्थिरता बनी रही।
  • भारतीय राज्यों में राजनीतिक एकता की कमी
  • यूरोपियन कम्पनियां विशेषकर ब्रिटिश एवं फ्रांसीसी कम्पनीयों की महत्वकांक्षा। 

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